सुकमा : कृषि की नई तकनीक ने उरमापाल के किसान भीमा को समृद्धि की नई राह दिखाई है। भीमा को समृद्धि की इस नई राह को दिखाने में कृषि विभाग की आत्मा योजना ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। सुकमा में छिन्दगढ़ विकासखण्ड के कृषकों द्वारा ही सबसे अधिक धान की खेती की जाती हैं। परन्तु अब इस क्षेत्र के किसान धान के अलावा भी अन्य फसल के माध्यम से अपनी आय में वृद्धि कर रहे हैं। भीमा मण्डावी जैसे युवाओं ने आधुनिक कृषि को अपनाकर न केवल स्वयं समृद्धि की राह पर कदम बढ़ाया है, बल्कि क्षेत्र के युवा कृषकों के लिए भी प्रेरणास्त्रोत और मार्गदर्शक बन रहें हैं।
भीमा
मण्डावी ने बताया कि कृषि विभाग द्वारा संचालित एक्सटेंशन रिफॉर्म्स
(आत्मा) योजनांतर्गत जिला स्तरीय प्रशिक्षण तथा विकासखण्ड स्तरीय प्रशिक्षण
एवं शैक्षणिक भ्रमण के माध्यम से कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा कृषकों
को आधुनिक तकनीक से अच्छी पैदावार लेने के तरीके सीखाए गए। इसके साथ ही खेत
में जैविक खाद के उपयोग से फसल की पौष्टिकता बढ़ाकर लाभ कमाने का प्रशिक्षण
भी दिया गया। भीमा ने विकासखण्ड स्तरीय प्रशिक्षण में भाग लेकर आधुनिक
खेती के बारे मे तकनीकी ज्ञान पाया और फिर अपने खेत पर उन तकनीक का प्रयोग
करने लगे। वे अब आधुनिक कृषि का प्रशिक्षण लेने के साथ ही शासन की विभिन्न
योजनाओं का लाभ भी उठा रहे हैं। इसका परिणाम यह हुआ कि खेती में अच्छी
पैदावार से भीमा की आय लगभग दोगुनी हो गई।
सौर सुजला योजना से सिंचाई की चिंता हुई दूर
भीमा अपने 2.5 एकड़ कृषि योग्य भूमि में 4 साल से साग भाजी की खेती करते हैं। उन्होंने बताया कि वे प्रति वर्ष बैंगन, भिंडी, टमाटर, बरबट्टी, लौकी, करेला
आदि की फसल लेते हैं। पूर्व में खेती के लिए भीमा वर्षा पर निर्भर था।वर्षा आधारित खेती से वे थोड़ी बहुत सब्जियों का उत्पादन कर पाते थे जो केवल
घर उपयोग मात्र ही होता था। कड़ी मेहनत के बावजूद उन्हें आय में कोई लाभ
नहीं मिल रहा था। वर्ष 2016 में
क्रेडा विभाग के माध्यम से सौर सुजला योजना का लाभा मिला जिससे वर्षा पर
उनकी निर्भरता खत्म हो गई और बड़ी आसानी से वह अपने खेत में लगे फसलों को
आवश्यकतानुसार पानी उपलब्ध कराने लगे। सिंचाई में हुई इस सुविधा से भीमा अब
साल में दो बार फसल का उत्पादन करने लगे हैं जिससे उन्हें अधिक आय प्राप्त
होने लगी है।
उन्होंने
कहा कि आत्मा योजना से उन्नत तकनीकी से खेती करने पर अन्य कृषक प्रभावित
होकर इस नई तकनीक की ओर अग्रसर हो रहे हैं तथा कृषि कार्यों में पहले की
अपेक्षा काफी सुधार होता जा रहा है। जिससे ग्राम उरमापाल के सभी किसान कृषि
की बदलती परिस्थितियों को अपनाकर कृषि विभाग की विभिन्न योजनाओं का लाभ ले
रहे हैं।
इस वर्ष भी है अच्छे आमदनी की है उम्मीद
कृषक भीमा मण्डावी ने बताया कि गत वर्ष उन्होंने सब्जी बेचकर लगभग 90 हजार की शुद्ध आमदनी हुई थी जिसमें 15000रु के बैंगन, 8000रु की भिण्डी, 20000रु बरबट्टी, 50000रु की टमाटर की बिक्री हुई थी। इसके साथ ही केले की फसल से 1.5 लाख की श्ुद्ध आमदनी हुई थी। इस वर्ष भी उन्होंने बैंगन, भिंडी, टमाटर, बरबट्टी, लौकी, करेला आदि की फसल ली है। जिसकी पैदावार शुरु हो चुकी है, अब तक उन्होंने 3 हजार की सब्जियाँ बेचकर की आमदनी की है। गतवर्ष की भाँति इस वर्ष भी अधिक आमदनी की उम्मीद है। नजदीकी गांव, स्थानीय बाजार से लेकर सुकमा तक उनके सब्जियों की मांग है, वहीं
कई ग्राहक घर में ही आकर उनसे सब्जियां खरीदते हैं। वे क्षेत्र के युवा
कृषकों को भी अपने अनुभव साझा करते हुए उन्नत कृषि के लिए प्रोत्साहित कर
रहे हैं साथ ही अपने कार्य को लगातार बेहतर करने की कोशिश कर रहे हैं।
कृषक
भीमा मण्डावी ने शासन प्रशासन को धन्यवाद देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार
कृषकों के हित में कई योजनाएं क्रियान्वित कर रही हैं जिसका लाभ कृषकों को
निश्चित तौर पर मिल रहा है। अब सुकमा के किसान भी धान और मक्का की फसल के
अलावा भी अन्य फसलों की सफल खेती कर रहें हैं। जिससे उनकी आय में वृद्धि हो
रही है और जीवनस्तर बेहतर हुआ है।