कम्पनी द्वारा कार्य पर नही रखने के विरोध में श्रमिकों ने श्रम पदाधिकारी कार्यालय का घेराव कर सौंपा ज्ञापन


देवास। कम्पनी में श्रमिकों को काम नही देने पर श्रमिकों ने युवा मजदूर संगठन के बेनर तले गुरूवार को शासकीय श्रम पदाधिकारी कार्यालय पहुंचकर घेराव किया व नारेबाजी करते हुए ज्ञापन सौंपा। प्रधानमंत्री दुर्गाशंकर शर्मा ने बताया कि एस. ेकुमार्स लिमिटेड कम्पनी द्वारा 1 से 4 नवंबर तक अवकाश घोषित किया गया था तथा 5 नवंबर को नोटिस के माध्यम से श्रमिकों को अवगत कराया गया आप सभी अपनी-अपनी शिफ्ट में ड्यूटी पर आए। 5 नवंबर को ए शिफ्ट वाले श्रमिक कम्पनी तो गए। परंतु कम्पनी प्रबंधक द्वारा ना तो श्रमिकों को कार्य दिया गया और ना ही ले ऑफ दिया गया। कम्पनी प्रबंधक से चर्चा करने पर उन्होंने कहा कि पिछले समझौते के माध्यम से 150 रूपए ही देंगे। आपको हजारी व ले आफ नही देंगे। कम्पनी द्वारा मनमानी करने पर करीब 100 से अधिक श्रमिक श्रम पदाधिकारी कार्यालय पहुंचे और घेराव कर ज्ञापन सौंपते हुए मांग की है कि सभी श्रमिकों को न्याय प्रदान करते हुए हाजरी दिलवाई जाए। 



प्रधानमंत्री शर्मा ने बताया कि कोरोना वायरस के कारण कपड़ा बाजार मंदा है। लेकिन हम श्रमिकों ने अन्य मांगों को लंबित रखते हुए बीच का रास्ता निकाला और श्रमिको का आहित भी हुआ, परंतु कम्पनी बंद नही होने दी। ताकि श्रमिकों की रोजी रोटी चलती रहे। इसलिए हमें माह जुलाई 2020 से माह अक्टूबर 2020 तक का एक लिखित समझौता करना पड़ा। जिसमें लिखा गया कि 15 दिन कारखाना चलेगा तथा बाकी दिनों में श्रमिकों को 150 रूपए प्रतिदिन मिलेंगे। इस समझौते का भी पालन नही किया गया एवं मिल चलाई गई। कम्पनी प्रबंधन द्वारा कहा जा रहा है कि कम्पनी अभी बंद है। श्रमिकों को कार्य नही तो वेतन भी नही मिलेगा। श्रमिकों ने कम्पनी प्रबंधन से मांग की है कि शीघ्र ही कारखाना चलाकर श्रमिकों को न्याय दे, जिससे श्रमिकों के परिवार का पालन पोषण हो सके। संगठन और श्रमिकों ने कम्पनी प्रबंधक को तीन दिवस की चेतावनी देते हुए कहा कि यदि शीघ्र ही श्रमिक हित में फैसला ले, जिससे श्रमिकों के परिवार में कोई अनहोनी न हो। यदि शीघ्र ही फैसला नही लिया गया तो श्रमिकों द्वारा उग्र आंदोलन किया जाएगा। जिसकी जिम्मेदारी कारखाना प्रबंधक व जिला प्रशासन की होगी। इस दौरान राम विकास शर्मा, पवन चौधरी, गोपाल चौधरी, दीपक राठौर, पंकज पटेल, रणछोड़ चौधरी, जगदीश मानसिंह धाकड़ बड़ी संख्या में संगठन पदाधिकारी व श्रमिक उपस्थित थे।