देवास, लोकसंवेदना दस्तक। भारतीय किसान यूनियन ने 2019 के बीमा राशि से वंचित और छुटे हुए हल्कों एवं 2020 सोयाबीन फसल में नुकसानी की मुआवजा राशि की मांग सहित अन्य समस्याओं को लेकर ग्राम भिलखेड़ी तहसील खातेगांव के किसान शनिवार को कलेक्टर कार्यालय पहुंचे व कलेक्टर चंद्रमौली शुक्ला से मुलाकात की।
जिलाध्यक्ष ओम प्रकाश पटेल ने बताया कि इस वर्ष सोयाबीन व अन्य फसलों की पूरी तरह चौपट हो जाने की वजह से किसान आगामी फसल के लिए खाद बीज खरीदने में असमर्थ है। साथ ही बिजली बिल का भुगतान में भी सक्षम नहीं है। इन परिस्थितियों में किसानों को 2019 बीमा राशि, शासकीय रिकॉर्ड 2013 से 2020 सात वर्ष का भू अभिलेख से मिलान किया गया था। वह रिकॉर्ड मिलान किया जाए किसी को लेकर काफी उम्मीद थी, किंतु जिले की 184 पंचायतों को इस बीमा राशि से वंचित कर दिया गया है। जबकि पिछले 7 साल की फसल कटाई अनुप्रयोग की रिपोर्ट हमारे पास है। उस हिसाब से इसमें से अधिकतर गांव का क्लेम बन रहा है। फिर किस कारण से इन्हें वंचित किया गया है। 2019 में सोयाबीन फसल के नष्ट होने पर जो मुआवजा राशि शासन द्वारा दी जानी थी। उसका अभी तक किसानों को मात्र 25 प्रतिशत भुगतान हुआ है। 75 प्रतिशत अभी भी किसानों का शेष है। किसानो ने मांग की है कि उक्त बिंदुओं पर सकारात्मक कार्रवाई करते हुए किसानों को तुरंत राहत राशि दी जाए। अन्यथा किसान सडक़ पर आकर आंदोलन करने के लिए बाध्य होगा। जिसकी संपूर्ण जवाबदारी प्रशासन की रहेगी ज्ञापन देने में प्रमुख रूप से लक्ष्मी नारायण पटेल, कमल पटेल, रतिराम जाट, महेश तिवारी, ओमप्रकाश खड़ाऊ, मोहनराव एवं खातेगांव तहसील के अनेक गांव से किसान उपस्थित थे। ज्ञापन पश्चात कलेक्टर ने आश्वासन दिया कि शीघ्र ही छूटे हुए गांवो का बीमा भी मिलने वाला है। अभी हमें कुछ प्राप्त हो चुका है और कुछ होने वाला है। शीघ्र ही सभी किसानों के खाते में बीमा की राशि डाल दी जाएगी।