शासन तय करें कि श्री राम मंदिर सार्वजनिक है या निजी, ग्रामीणों ने बागली एसडीएम को ज्ञापन देकर जिलाधीश से की मुलाकात


देवास। पुंजापुरा समीपस्थ ग्राम सोबल्यापुरा में पिछले 1 वर्ष से श्री राम मंदिर के जीर्णोद्धार व मंदिर के विकास हेतु दान में दी गई कृषि भूमि की बात को लेकर चल रहे विवाद को सुलझाने के लिए ग्राम पंचायत सोबल्यापुरा के ग्रामीणों ने अनुविभागीय अधिकारी बागली को दो ज्ञापन दिये तथा जिलाधीश से भी मुलाकात की। ज्ञापन में ग्रामीणों ने बताया कि हमारे ग्राम सोबल्यापुरा मे 36 वर्ष पहले सभी ग्रामीणों के सहयोग से श्री राम मंदिर का निर्माण किया गया था। लेकिन हमारे ग्राम की बसु बाई बेवा ठाकुरजी जिनकी शौतन स्व. शांताबाई व पति स्व. ठाकुर जी चोयल का उक्त मंदिर के निर्माण में विशेष योगदान रहा। इस कारण उक्त मंदिर को अपने व्यक्तिगत स्वार्थ वश बसु बाई व इनका दामाद खुमानसिंह निजी मंदिर बताकर इसके जीर्णोद्धार में बाधा खड़ी कर रहे हैं। इस कारण  हमारे ग्राम में अशांति पैदा हो रही है। इस विवाद में अभी तक थाना बागली में 6 एफआयआर दर्ज हो चुकी है। ज्ञापन में ग्रामीणों ने बताया कि 26 जनवरी 2020 की ग्राम सभा में सार्वजनिक श्रीराम मंदिर के जीर्णोद्धार हेतु प्रस्ताव भी पास हो चुका है। साथ ही बताया कि  वर्ष 2017-18 में बसु बाई बेवा ठाकुर जी ने अपनी स्वेच्छा से इनके स्वामित्व व कब्जे  की कृषि भूमि प.ह.न.38, सर्वे नंबर 21 रकबा 1.77 हे. व इससे लगी हुई लगभग 20 बीघा जमीन, जिस पर कुछ असामाजिक तत्वों ने अवैध कब्जा कर लिया था। इस कारण बसु बाई ने अवैध कब्जा धारियों को बेदखल करने के लिए अपने 100 दिन पूरे होने तक श्री राम मंदिर के विकास हेतु उक्त कृषि भूमि ग्रामवासियों को दान मे दे दी थी। पिछले 3 वर्षों से मंदिर समिति इस भूमि पर फसल पैदा कर इसकी आय को मंदिर समिति खाते में जमा करती आ रही है। लेकिन इस वर्ष बसु बाई व इनका दामाद खुमान सिंह अपने वादे से मुकर गए व थाना बागली में झूठी शिकायत कर दी कि हमारी जमीन पर लक्ष्मण सिंह के नेतृत्व में कुछ लोग अवैध कब्जा कर रहे हैं। इनकी झूठी शिकायत पर थाना बागली पुलिस व ग्रामीणों के बीच विवाद हो गया। जिस कारण लाठीचार्ज व फायरिंग हुई, जिसमें 17 ग्रामीणों के खिलाफ 3 मई 2020 को एफ आई आर दर्ज हो गई, जिसकी जांच चल रही है। इन रिपोर्टों के कारण समाज सेवी लक्ष्मणसिंह परिहार पर रासुका की कार्रवाई की गई थी। ग्रामीणों ने मांग की है कि राजस्व विभाग द्वारा भौतिक सत्यापन करवाया जाए की घटना के समय तक उक्त जमीन पर किसका कब्जा चला आ रहा था। ग्रामिणों ने उक्त कृषि भूमि पर धारा 145 की कार्यवाही की मांग की है। इस अवसर पर अशोक पटेल ,विक्रम सिंह बघेल, कैलाश चोयल, शोभाराम मुजाल्दे, जुगत सिंह बछानिया, सुनील, जामसिंग मुजाल्दे आदि ग्रामीण उपस्थित थे।