आदिवासियों के अभिवादन शब्द जय जोहार का किया विरोध एवं लोगों में गलत भ्रांतिया पैदा कि, भील प्रदेश मुक्ति मोर्चा ने कठोर कार्यवाही हेतु सौंपा ज्ञापन


उदयपुर, प्रभुलाल गरासिया की रिपोर्ट। राजस्थान में कुछ शरारती तत्वों द्वारा आदिवासियों के अभिवादन शब्द जय जोहार का विरोध किया गया एवं लोगों में गलत भ्रांतिया पैदा कि गई, जिसको लेकर भील प्रदेश मुक्ति मोर्चा युनिट राजस्थान द्वारा जगदीश पांडोर प्रदेश प्रचारक के नेतृत्व में शरारती तत्वों के खिलाफ कठोर कानुनी कार्यवाही हेतु सौंपा ज्ञापन


यह ज्ञापन जिला कलेक्टर उदयपुर, पुलिस अधिक्षक उदयपुर, जनजाति आयुक्त उदयपुर, राज्यपाल राजस्थान सरकार, राष्ट्रपति भारत सरकार के नाम सौंपा..


बताया गया है कि एडवोकेट हिम्मत तावड़, प्रवीण गरासिया, सवजी राम, रोशन लाल, कांति लाल, अरूण कुमार, मीठा लाल, नामक व्यक्तियों के द्वारा जोहार अभिवादन शब्द का विरोध किया गया है। और लोगों में गलत प्रकार की भ्रांतिया पैदा की गई है। आदिवासियों के आत्म सम्मान को चोट पहुंचाइ, आदिवासियों की मूल पुरखाई भाषा बोली का अपमान किया गया।


जब सिन्धु घाटी और मोहनजोदड़ो सभ्यता आयी अरावली पहाड़ियों का निर्माण हुआ धरती पर मुल बीज का अंकुरण हुआ तब से आदिवासी रहवास कर है। और आदिवासियों का मुल उद्बोधन शब्द जोहार चलता आया है।


ज्ञापन देते समय दौरान सैकडो कार्यकर्ता पदाधिकारी मौजूद रहे I


 



 


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