पथ व्यवसाइयों के कल्याण के लिये योजना शुरू, मध्यप्रदेश पथ विक्रेता योजना

देवास /LSDNEWS- प्रदेश में पथ व्यवसाइयों के कल्याण और उनको
आजीविका चलाने के उचित अवसर देने के उद्देश्य से मध्यप्रदेश पथ विक्रेता योजना-
2020 प्रारंभ की गयी है। पथ विक्रेताओं का सर्वेक्षण हर 3 वर्ष में कम से कम एक बार
किया जायेगा। पथ व्यवसायी को पोर्टल के माध्यम से पहचान-पत्र और विक्रय प्रमाण-पत्र
मिलेगा। नगरीय क्षेत्र के भीतर आवेदक को केवल एक विक्रय स्थल की अनुमति मिलेगी।
विक्रय प्रमाण-पत्र 5 वर्ष के लिये वैध होगा। इसका अगले 3 वर्ष के लिये
नवीनीकरण किया जा सकेगा। विक्रय प्रमाण-पत्र रद्द करने का कोई आदेश बगैर सुनवाई
के नहीं दिया जायेगा। पथ विक्रेता यह सुनिश्चित करेगा कि उसके विक्रय क्षेत्र के निकट


अवैध पार्किंग नहीं की जाये। विक्रय शुल्क में प्रति वर्ष न्यूनतम 5 प्रतिशत की वृद्धि की
जायेगी।विक्रय क्षेत्र में उपलब्ध स्थान से विक्रेताओं की संख्या अधिक होने पर, विक्रेताओं
को अलग-अलग पाली में विक्रय के लिये समय आवंटित किया जायेगा।


निषेध क्षेत्र


सचिवालय, कलेक्ट्रेट, जिला पंचायत, नगर निगम, नगरपालिका, नगर परिषद,
केंटोनमेंट बोर्ड के कार्यालय, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण और राज्य पुरातात्विक स्थलों के
200 मीटर के क्षेत्र में क्रय-विक्रय नहीं किया जा सकेगा। क्रॉसिंग के पास 50 मीटर तक
भी क्रय-विक्रय प्रतिबंधित रहेगा।
फुटपाथ का उपयोग पथ विक्रय के लिये नहीं किया जा सकेगा। नगर विक्रय
समिति का सामाजिक अंकेक्षण भी करवाया जायेगा। इससे संबंधित मामलों के समन्वय
के लिये राज्य स्तर पर एक नोडल ऑफिसर नियुक्त किया जायेगा।


4 प्रकार के बाजार


योजना में 4 प्रकार के बाजार निर्धारित किये गये हैं। उत्सव बाजार- ऐसा बाजार,
जहाँ विक्रेता और क्रेता परम्परागत रूप से त्यौहारों के दौरान उत्पादों या सेवाओं के क्रय-
विक्रय के लिये इकट्ठे होते हैं। विरासत बाजार- ऐसा बाजार, जहाँ क्रेता और विक्रेता
पारम्परिक रूप से उत्पादों और सेवाओं के लिये एकत्रित होते हैं और जो 50 वर्ष से भी
अधिक समय से एक ही स्थान पर लग रहा हो। प्राकृतिक बाजार- नगर विक्रय समिति
की अनुशंसा पर शुरू किया गया ऐसा बाजार, जहाँ क्रेता-विक्रेता परम्परागत रूप से
एकत्रित होते हैं। रात्रि बाजार- ऐसा बाजार, जहाँ क्रेता-विक्रेता रात में उत्पादों और सेवाओं
के क्रय-विक्रय के लिये एकत्रित होते हैं।