लॉकडाउन-4 के नियमों का पूरा पालन किया जाए, छूट अथवा प्रतिबंध के लिए शासन से अनुमति लें - मुख्यमंत्री शिवराज सिंह
भोपाल (लोकसंवेदना दस्तक)। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि सभी जिलों में लॉकडाउन-4 के नियमों का पूरा पालन किया जाए। सभी जिलों को इस संबंध में गाइड लाइन भिजवा दी गई है। लॉकडाउन-4 में दी गई छूटों के कारण लोग अधिक संख्या में घरों से बाहर निकलेंगे अत: अब सावधानियां और अधिक जरूरी है। लोगों की यह मानसिकता न बने कि कोरोना खत्म हो गया है। मास्क पहनना, फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करना, कहीं भी भीड़ न होने देना आदि सुनिश्चित किया जाए। ऐसा न करने पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोरोना से संबंधित स्वास्थ्य सुविधाएं लोगों को और अधिक आसानी से उपलब्ध कराने के लिए सरकार फीवर क्लीनिक खोलने की तैयारी कर रही है। इस संबंध में सभी कलेक्टर्स अपने यहां तैयारी करें तथा जानकारी भिजवाएं। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज मंत्रालय में कोरोना की स्थिति एवं लॉकडाउन-4 के संबंध में प्रदेश के सभी संभागों एवं जिलों से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से कमिश्नर्स, आई.जी., कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षकों से चर्चा कर रहे थे। इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, डीजीपी श्री विवेक जौहरी, एसीएस हैल्थ श्री मोहम्मद सुलेमान, प्रमुख सचिव गृह श्री एस.एन. मिश्रा, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा श्री संजय शुक्ला आदि उपस्थित थे।
हर मोहल्ला, वार्ड में फीवर क्लीनिक
एसीएस हैल्थ श्री सुलेमान ने बताया कि शासन हर मोहल्ला, वार्ड, क्षेत्र में फीवर क्लीनिक खोले जाने की योजना पर कार्य कर रहा है। फीवर क्लीनिक शासकीय एवं निजी दोनों हो सकेंगे। फीवर क्लीनिक पर जाकर कोई भी व्यक्ति जिसे सर्दी, जुकाम, फ्लू आदि के लक्षण दिखाई देते हैं, अपना स्वास्थ्य परीक्षण करा सकेगा। फीवर क्लीनिक में उसके स्वास्थ्य की जाँच कर लक्षणों के आधार पर उसे कोविड केयर सेंटर आदि में भेजा जा सकेगा। आवश्यकता होने पर कोविड टेस्ट के लिए सैम्पल भी लिये जा सकेंगे। कोरोना मरीजों की शासकीय एवं अनुबंधित अस्पतालों में नि:शुल्क चिकित्सा पूर्ववत जारी रहेगी।
छूट अथवा प्रतिबंध के लिए शासन से अनुमति लें
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने स्पष्ट कहा कि हमें कोरोना के संक्रमण को हर हाल में रोकना है। यह हमारी पहली प्राथमिकता है। इसके साथ ही हमें आर्थिक गतिविधियों को भी सुचारू करना है। अत: हर जिला लॉकडाउन-4 की गाइडलाइन का शत-प्रतिशत पालन करें। यदि जिले की परिस्थिति के अनुरूप कोई विशेष छूट अथवा प्रतिबंध की आवश्यकता हो तो अपने क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप से चर्चा कर शासन को इस संबंध में प्रस्ताव भेजें तथा स्वीकृति प्राप्त करने के बाद ही आगामी कार्यवाही की जाये। सायं 7 बजे से प्रात: 7 बजे तक यह सुनिश्चित किया जाए कि कोई भी व्यक्ति अत्यावश्यक कार्य के बिना घर से बाहर न निकले।
संक्रमण फैलाना आपराधिक लापरवाही
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जिन व्यक्तियों को होम क्वारेंटाइन किया जाए वे नियमों का पालन करें। घर पर एकदम अलग रहें, किसी सदस्य से संपर्क न करें। पूरी फिजिकल डिस्टेंसिंग रखे, नहीं तो पूरे परिवार के संक्रमित होने का डर रहता है। संक्रमण फैलाना आपराधिक लापरवाही है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिए कि संक्रमित क्षेत्रों में लोग घर पर ही रहें, यह सुनिश्चित किया जाए। जिन व्यक्तियों के सैम्पल लिए गए हैं, उन्हें अनिवार्य रूप से आइसोलेट किया जाए।
लोगों को जागरूक करें
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि सभी जिलों में लोगों को जागरूक किया जाए, जिससे वे कोरोना के संबंध में सभी आवश्यक सावधानियां बरतें। थोड़ी भी असावधानी खतरनाक सिद्ध हो सकती है। इस कार्य में सामाजिक संगठनों, जनप्रतिनिधियों तथा समाज के हर वर्ग का सहयोग लिया जाए।
अस्पतालों की अधोसंरचना का विकास करें
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिए कि सभी कलेक्टर अपने जिलों में अस्पतालों की अधोसंरचना का विकास करें, जिसमें सभी चिकित्सा व्यवस्थाएं हों और बेहतर से बेहतर इलाज की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
प्रवासी मजदूरों की व्यवस्था
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सभी जिलों ने प्रवासी मजदूरों की अच्छी व्यवस्था की है। उन्हें अपने घरों को भेजने के साथ ही उनके भोजन, नाश्ता, स्वास्थ्य सुविधा आदि की सारी व्यवस्थाएं की गई। दूसरे प्रांतों के मजदूरों को भी जिलों के बार्डर तक पहुंचाया जा रहा है तथा उनकी भी सारी व्यवस्थाएं की जा रही हैं। आगे भी यह कार्य जारी रखा जाए।
बाहर के मजदूरों का पंजीयन करें
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि सभी कलेक्टर उनके जिलों में बाहर के मजदूरों का पंजीयन करें। उन्हें नि:शुल्क राशन प्रदाय किया जाना है। साथ ही पंचायतों के माध्यम से उनके जॉब कार्ड बनवाकर मनरेगा योजना के अंतर्गत उन्हें कार्य भी दिलाए जाना है।
शहरी गरीबों के लिए भी योजना
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि सरकार शहरी गरीबों का भी पूरा ध्यान रख रही है। शहरी महिलाओं से मास्क निर्माण का कार्य कराया जा रहा है। स्ट्रीट वेंडर्स सहित शहरी गरीबों के लिए भी योजना बनाई गई है।
समर्थन मूल्य पर सिर्फ किसानों से अनाज उपार्जित हो
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिए कि समर्थन मूल्य पर सिर्फ किसानों से ही अनाज उपार्जित किया जाये। सभी कलेक्टर्स इस बात की विशेष चौकसी भी करें। किसानों के अलावा यदि कोई ऐसा करता पाया जाता है, तो उसका वाहन जप्त कर उसके विरूद्ध कार्रवाई की जाए। वनोपज संग्रहण का कार्य सुचारू रहे यह भी कलेक्टर देखें।
केवल ट्यूशन फीस ही लें निजी स्कूल
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि सभी जिलों में यह सुनिश्चित किया जाए कि निजी स्कूल विद्यार्थियों से केवल ट्यूशन फीस ही लें। उन्होंने बताया कि शासन द्वारा लिए गए निर्णय अनुसार मध्यप्रदेश बोर्ड के दसवीं के पेपर नहीं होंगे तथा बारहवीं के पेपर 8 जून से 16 जून के बीच होंगे।
4233 टेस्ट हुए
एसीएस हैल्थ ने बताया कि प्रदेश में गत दिवस कोरोना के 4233 टेस्ट किए गए, जिनमें से 3406 प्रदेश की 14 लैब में तथा 702 बाहर की लैब में किए गए। उज्जैन के ट्रामा सेंटर ने कोविड अस्पताल के रूप में कार्य करना प्रारंभ कर दिया है।
4 लाख 42 हजार मजदूर आए
एसीएस श्री आईसीपी केशरी ने बताया कि प्रदेश में दूसरे प्रदेश से 4 लाख 42 हजार मजदूर वापस आ गए हैं। अभी लगभग 01 लाख 25 हजार मजदूर और बचे हैं। विभिन्न प्रांतों से 100 ट्रेनें मध्यप्रदेश आ गई हैं, 25 ट्रेन और आएंगी। इसके अलावा लगभग 1000 बसें रोज आ रही हैं। आज सेंधवा बार्डर पर लगभग 200 बसें आयीं हैं। अहमदाबाद, मुंबई, पुणे आदि से मजदूर आना शेष हैं।
जिसको एस.एम.एस. जाए वही किसान गेहूँ बेचने आएं
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जिस किसान को एस.एम.एस. जाए वही किसान गेहूँ बेचने आए। किसी भी स्थिति में किसानों के नाम पर व्यापारी गेहूँ न बेच पाएं यह सुनिश्चित किया जाए। प्रमुख सचिव ने बताया कि अभी तक 94 लाख 50 हजार मीट्रिक टन गेहूँ समर्थन मूल्य पर उपार्जित किया जा चुका है। पंजीकृत कुल 19 लाख 47 हजार किसानों में से 13 लाख 25 हजार किसानों से गेहूँ खरीदा जा चुका है।
चना, सरसों की 75 हजार एम.टी. खरीदी
प्रमुख सचिव कृषि श्री अजीत केसरी ने बताया कि समर्थन मूल्य पर चना, सरसों की खरीदी का कार्य भी जारी है। अब तक 75 हजार मी. टन चने एवं सरसो का उपार्जन किया जा चुका है।