डूंगरपुर (जगदीश ननोमा)। राजस्थान शिक्षक संघ (शेखावत) जिला कमेटी डूंगरपुर जिलाध्यक्ष मणिलाल मालीवाड़, जिलामंत्री लीलाराम भगोरा, राज्य उपाध्यक्ष हेमंत कुमार खराड़ी, बिछीवाड़ा ब्लाक अध्यक्ष देवीलाल गोड़ ने श्रीमान् जिला कलेक्टर महोदय को ज्ञापन मेल द्वारा भेज कर कोविड-19 महामारी की रोकथाम के लिए शिक्षकों की तैनाती को लेकर आ रही परियोजनाओं का उचित समाधान करने की मांग की।
महोदय तैनात शिक्षकों से सहानुभूति रखते निम्नलिखित परिवेदनाओं का समाधान की मांग करते हैं। शिक्षकों की तैनाती में सभी पद नामों के शिक्षक शिक्षिकाओं को तैनात किए जाने तथा सभी को समान सेवा का अवसर देते हुए तैनाती करने। संघ के ध्यान में आई जानकारी के अनुसार शिक्षकों की तैनाती ग्राम प्रभारी/ फूडबैंक प्रभारी /स्क्रीनिंग शिविर बॉर्डर राज्य सीमा/ ब्लॉक/ जिला स्क्रीनिंग / चेक पोस्ट/ घर-घर सर्वे / होम कवारेईटीन / संक्रमित क्वॉरेंटाइन सेंटर ग्राम पंचायत स्तर/ ग्राम पंचायत नियंत्रण कक्ष तथा अन्य कार्य के लिये शिक्षकों की तैनाती के आदेश किए जाते रहे हैं। इन आदेशों के तैनाती को लेकर आ रही शिकायतों को ध्यान में रखते हुए निम्नलिखित सुझाव रखते हुए आपसे अनुरोध है कि स्वयं तथ्यात्मक जानकारी प्राप्त कर सुझावों के आधार पर मार्गदर्शन करें ।जिससे शिक्षक भयमुक्त होकर इस संकट के समय अपना कर्तव्य निभा सके।
1. यह कि जिन शिक्षकों की तैनाती श्रीमान् उपखंड अधिकारियों के द्वारा ग्राम प्रभारी के दायित्व के निर्वहन के लिए लगाई गई थी उनका प्रतिदिन तैनाती का समय 45 दिन से ज्यादा का हो चुका है उन्हें तत्काल राहत देते हुए ग्रीष्मावकाश भुगतने के लिए मुख्यालय छोड़ने की अनुमति दी जाए तथा घर रहने की छूट दी जाए।
2. यह की शिक्षकों की तैनाती उपखंड अधिकारियों के आदेश पर रतनपुर राज्य सीमा व अन्य राज्य सीमाओं पर शिक्षकों की तैनाती की गई थी यह भारी जोखिम की जगह होने की वजह से शिक्षकों की निश्चित दिन समय चक्र का ध्यान रखते हुए 10 -10 दिन के लिए अधिग्रहित की जाए राज्य सीमाओं पर कार्मिकों के संक्रमण का अधिक जोखिम हैं। सीमा पर सेवा के लिए सभी ग्राम पंचायतों ( पी ई ई ओ ) से समान संख्या में शिक्षकों को आवश्यकता होने पर अधिग्रहण किया जाए । सीमा पर स्क्रीनिंग पर तैनाती के लिए PEEO का समय चक्र निर्धारित किया जाए।अधिग्रहण के समय यह सुनिश्चित किया जाए कि जिसमें सभी पद नाम प्राध्यापक/अध्यापक /शिक्षा सहयोगी /प्रबोधक सहित सभी स्तर के विद्यालयों के शिक्षक तैनात किए जाएं । किसी भी तरह का पद नाम व विद्यालय स्तर के आधार पर भेदभाव नहीं किया जाए तथा अनुचित लाभ देने से बचा जाए। समान रूप से समय चक्र का पालन नहीं करने से लगातार तैनात शिक्षक तनाव में हैं । लगातार तैनात शिक्षकों के साथ सख्ती बरतने के बजाय मुश्किल समय में उनके साथ सहानुभूति रखने का व्यवहार किया जाए।नियुक्ति के पहले आवश्यक बचाव का प्रशिक्षण दिया जाना सुनिश्चित किया जाए।
3. यह कि राज्य सीमा व पंचायत समिति स्तर पर स्क्रीनिंग तथा क्वॉरेंटाइन केंद्रों पर संक्रमण का भारी जोखिम है इन जोखिम के कार्य स्थल पर शिक्षकों की तैनाती से पहले आवश्यक बचाव के लिए प्रशिक्षण दिया जाना सुनिश्चित किया जाए। इन जगहों पर तैनात शिक्षकों को होम क्वॉरेंटाइन रखा जाए व इन शिक्षकों कार्मिकों की नियमित स्क्रीनिंग की जाए।
4. यह की राज्य सीमा स्क्रीनिंग चेक पोस्ट पर लगातार तैनात होने वाले शिक्षकों को अन्य सभी कार्यो पर से छूट दी जाए।
5. यह की इन जोखिम के कार्य स्थलों पर विभाग द्वारा मुंह का शील्ड /मेडिकल मास्क /ग्लव्स प्रतिदिन उपयोग के लिए उपलब्ध कराए जाएं कार्यस्थल को नियमित सैनिटाइजर कराने की पुख्ता व्यवस्था की जाए शिक्षकों को संक्रमण से बचाने के लिए शिक्षा विभाग अपने स्तर पर सुरक्षा उपकरण सामग्री खरीद कर शिक्षकों में वितरित करें व सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी संबंधित जिला शिक्षा अधिकारी, मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी व ग्राम पंचायत शिक्षा अधिकारी की तय की जाए।
6.यह कि राज्य सरकार के दिशा निर्देशों के अनुसार वार्ड स्तर पर सर्वे कार्य में स्थानीय स्तर पर कार्यरत कार्मिक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, आशा सहयोगिनी व अन्य विभाग के कार्मिक को नियुक्त कर वार्ड प्रभारी बनाया जाये। बूथ लेवल अधिकारी का पूर्ण सहयोग लिया जा कर उसकी नियुक्ति की जाए उसे अन्य कार्यों से पूर्णतया छूट दी जाए। स्थानीय स्तर पर कार्य के सहयोग के लिए सरपंच /वार्ड पंच /नरेगा मेट/ एनजीओ /जागरूक संस्था संगठन/ साथिन/ मां बाड़ी केंद्र शिक्षा सहयोगी /स्वास्थ्य कार्यकर्ता /शिक्षक का सहयोग लिया जा सकता है इन सभी कार्मिकों को होम क्वॉरेंटाइन करने सर्वे कार्य एवं सभी तरह की जमीनी सूचनाओं देने भेजने के लिए कार्य सौंपा जाए इस कार्य के लिए शिक्षकों अलग ( अतिरिक्त )से तैनाती बंद की जाए ।
7. यह कि क्वॉरेंटाइन सेंटर खोले गए हैं जो लंबे समय से खाली चल रहे हैं । सेंटर आपात स्थिति के लिए खोले गए हैं।इन केंद्र को संचालित करने के लिए शिक्षकों को 24 घंटे तैनात किया गया जो औचित्यहीन है इस पर पुनः विचार करे । इन केंद्रों पर तैनात शिक्षकों को तभी बुलाया जाए जब केंद्र शुरू किया जा रहा हो, केंद्र पर संक्रमित रखे गए हो। खाली पड़े केंद्रों पर शिक्षकों तैनाती बंद की जाए इन केंद्रों पर 7 - 7 दिन के समय चक्र के साथ विभाग द्वारा सुरक्षा उपकरणों की आपूर्ति के साथ तैनात किया जाए। खाली केंद्रों पर तैनाती औचित्यहीन है। संकट के दौर में शारीरिक दूरी व लोकडाउन का भी पालन हो सकेगा।
8. कोरोना आपदा नियंत्रण के लिए ग्राम पंचायत स्तर पर कोर समिति का गठन किया गया है जिसको देखते हुए पंचायत कार्यालय पर नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है जिस पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए। ग्राम पंचायत मुख्यालय नियमित खुल रहे हैं कोर समिति को प्रभावी करते हुए सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए कार्यालय सहयोग के लिए शिक्षकों की न्यूनतम समय चक्र पर तैनाती की जानी चाहिए।
9. यह की ग्राम पंचायत मुख्यालय व अन्य कार्यालयों का नियमित सेनेटाइजर से छिड़काव किया जाना चाहिए ।ग्राम पंचायत नियंत्रण कक्ष तीन पारियों मे सुबह 6:00 से 11:00 AM , 11:00 से 4:00 PM व 4:00 से 8:00PM बजे तक संचालित किया जाना चाहिए। नियंत्रण कक्ष पर एक पारी में 1 या 2 से ज्यादा शिक्षकों की तैनाती नहीं की जानी चाहिए। यथासंभव एक ही शिक्षक/ शिक्षिका को तैनात किया जाना चाहिए । केंद्रों पर निश्चित दिन समय चक्र का ध्यान रखते हुए संचालन किया जाना चाहिए। कक्ष पर न्यूनतम संख्या नियुक्त करने से लोक डाउन के नियमों की पालना हो सकेगी शारीरिक दूरी रखी जा सकेगी।
आशा है आप स्वयं जमीनी स्तर से तथ्यात्मक जानकारी प्राप्त कर संगठन के इन सुझावों को ध्यान में रखते हुए मार्गदर्शन कर आ रही समस्याओं शिकायतों का उचित समाधान करने के तुरंत कदम उठाने का श्रम करेंंगेे।