भलाई करते रहिये बहते पानी की तरह, बुराई खुद ही किनारे लग जायेंगी कचरे की तरह, अगर नियत आपकी साफ हो तो ईश्वर भी साथ देता है
बाघ (चन्दपाल अजनारिया)। ग्रामीण क्षेत्रों के रहवासी लाकडाउन के कारण रूपये-पैसे के कारण परेशान है। इसी कारणवश प्रातःकाल से ही बैंक में लाइन शुरू हो जाती है। सुबह की ठंडी हवा मे तो पता नही चलता है। परंतु गर्मी का अहसास दस बजे बाद होता है। तपती धूप में शरीर का हाल बेहाल हो जाता है। बैंक ग्राहकों के लिए पेयजल कि व्यवस्था पर किसी का ध्यान आकर्षित नही हुआ।
ऐसे मे हर वक्त गरीब आदिवासियों के बारे मे सोचने वाले प्रख्यात पत्रकार और समाजसेवी श्री मदन काबरा का ध्यान जाता है। सभी समाज के लिए निशुल्क टैंकर की व्यवस्था कराई जाती है। ऐसा नही इनके द्वारा प्रथम बार यह मानवीय कार्य किया गया है। आदिवासी समाज की परिदृश्य पर लगाव होने के कारण जब भी मौका मिलता है। अग्रिम पंक्ति में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाते रहते है। श्री मदन काबरा जी के द्वारा हमेशा से ही मानवीय समाज सेवा निस्वार्थ से प्रदान कि जाती है। इन्हें कभी भी ख्याति के प्रभोलन से कार्य नही किया है। जमीनस्तर से जुड़े रहने के कारण समाजसेवा करते रहते है।