खातेगांव (सादिक खान)। मुस्लिम समाज का महीना रमजान का चांद नजर आते ही खास इबादत के लिए शुरू हो जाती हैं, गरीबों और मुफलिसी की हमदर्दी। मदद का जज्बा भी इसी महीने खासतौर पर जागता है। परंतु अभी देश व पूरी दुनिया में कोरोना संक्रमण का खतरा चल रहा है। इसराइल खा, अशीम शेख, अफरोज मंसूरी आरिफ बाबा, सादिक मालिक ने बताया कि इस बार लॉक डाउन के चलते मस्जिदों में सामूहिक तरावीह की विशेष नमाज और रोजा इफ्तार कार्यक्रम नहीं होंगे। निर्धारित दूरी का पालन करते हुए समाज जन घरों में नमाज अदा कर इबादत करें। वहीं रमजान तड़के रोजेदारों को जगाने के लिए शहर में घूमने वाले फेरी वालों की आवाज जरूर सुनाई नहीं देगी।
घरों में सामूहिक इफ्तार नहीं करेंगे समाजजनों से अपील की गई, कि कोरोनावायरस से बचाव के लिए सरकार द्वारा देशभर में लगाए गए लॉकडाउन के चलते माहे रमजान की इबादतों को अपने घरों में रहकर ही करें। साथ ही स्वास्थ्य विभाग की गाइड लाइन का भी पालन किया जाए। लॉकडाउन के चलते रमजान में पढ़ी जाने वाली विशेष तरावीह की नमाज भी अन्य नमाजों की तरह घरों में अदा की जाए। घर में जमात की व्यवस्था ना होने पर अकेले अकेले भी तरावीह की नमाज अदा की जा सकती है। समाज के बड़ों को हिदायत भी दी है, की यह भी सुनिश्चित करें कि रोजा इफ्तार के बाद या रातों को उनके नौजवान बच्चे घरों में ही रहे। किसी भी तरह सड़कों या बाजार में ना निकलें।