Jabalpur : आजीविका मिशन के स्वसहायता समूह से जुड़ने पर गीता बर्मन के परिवार की आर्थिक स्थिति सुधरी है और घर में खुशहाली आई है। उनकी आजीविका के साधन मजबूत होने से घर खर्च चलाना आसान हुआ है।
जिले के पाटन विकासखण्ड के ग्राम कोनी कला की गीता बर्मन को अपने परिवार के भरण पोषण के लिए चाय-नाश्ते की छोटी सी दुकान खोलना पड़ी परंतु इससे उन्हें अपना घर चलाने में मुश्किल होती थी। इसी बीच वे ग्राम कोनी कला में संचालित आजीविका मिशन के अन्नपूर्णा स्वसहायता समूह से जुड़ी और छोटी-छोटी बचत करने लगीं। इसके बाद गीता ने समूह से 25 हजार रूपए का लोन लेकर अपनी चाय-नाश्ते की दुकान को बढ़ाया और किराना व्यवसाय शुरू किया। आजीविका के साधन बढ़ने से इनके परिवार की आमदनी में डेढ़ से दो गुना की वृद्धि हुई। अब गीता बर्मन को करीब 5 हजार से 6 हजार रूपए की आमदनी हर माह होने लगी है। अब उन्हें घर का खर्च चलाना आसान हो गया है और परिवार खुशहाली के साथ प्रगति कर रहा है।
गीता बर्मन स्वहायता समूह के माध्यम से मदद मिलने पर मध्यप्रदेश सरकार और आजीविका मिशन के प्रति आभार प्रकट करती हैं।