संसार के सारे सुख कुछ समय के लिए ही मिलते हैं, लेकिन सच्चा सुख हमें परमात्मा से प्राप्त होता है- पं. तिवारी


देवास। गलती करने के बाद क्षमा मांगना मनुष्य का गुण है, लेकिन जो दूसरे की गलती को बिना द्वेष के क्षमा कर दे, वो मनुष्य महात्मा होता है।  सभी को भक्ति मार्ग पर भक्त प्रह्लाद की तरह चलना चाहिए। भक्ति का मार्ग ही प्राणी को प्रभु की अपार कृपा दिला सकता है। उक्त उद्गार संस्था मातृशक्ति एवं दीपक बैरागी मित्रमंडल द्वारा सिंधी कालोनी मे आयोजित श्रीमद् भागवत कथा में वृंदावन से पधारे आचार्य विवेकानंद तिवारी ने मंगलाचरण, नारद-व्यास संवाद, श्री शुकदेव मुनि के आगमन का वर्णन करते हुए कहे। उन्होंने कहा कि धर्म के द्वारा पुण्य की पूंजी बढ़ाई जा सकती है। निर्मल और पवित्र मन से भक्ति करने से भगवान के चरणों में स्थान पाया जा सकता है। गुरु महिमा का व्याख्यान करते कहा कि गुरुजन प्राणी मात्र को सही दिशा की ओर ले जा सकते हैं। इसलिए सदैव गुरुओं के सान्निध्य में प्राणी मात्र को वेद ग्रंथों के प्रेरणा प्रसंगों का ज्ञान हासिल करते रहना चाहिए। अपनी दिनचर्या को प्रभु सिमरन से शुरू करके लगातार ऐसे कार्य किए जाने चाहिए। जिससे समाज में समरसता का वातावरण बना रहे। सत्संग सुनने से ही आदमी का जीवन सफल होता है और जो भावना रखकर हम दान करते हैं। उस अनुसार ही हमें फल की प्राप्ति होती है। उन्होंने आगे कहा कि संसार के सारे सुख थोड़े समय के लिए ही मिलते हैं, लेकिन सच्चा सुख हमें परमात्मा से प्राप्त होता है, जो हमेशा हमारे साथ रहता है। जब प्यास लगती है, तभी पानी का महत्व समझ मे आता है, ठीक उसी प्रकार भगवान के श्रीचरणों में स्थान प्राप्त करने के लिए हृदय से प्रभु को स्मरण करने की आवश्यकता है। किसी ने भगवान को देखा तो नहीं है, लेकिन भगवान की कथा सुनने मात्र से ही मन के सारे विकार नष्ट हो जाते हैं। जीवन को सार्थक बनाने के लिए सत्संग से जुडऩा अनिवार्य है, क्योंकि हमारे सत्कर्म ही हमारी रक्षा करते हैं। हम धर्म से पुण्य की पूंजी बढ़ा सकते हैं, लेकिन पाप की पूंजी तो अपने आप बढ़ती है। जीवन में बिना पुण्य के सुख नहीं है। व्यासपीठ की आरती मुरारीलाल गुप्ता, अखिलेश धुरिया, लोखंडे जी, कुशवाह जी, योगेश पटेल, संतोष शर्मा, पंकज परमार, सुधीर राठौर सहित समिति के दुर्गेश चिल्लोरिया, छोटू डाबी, मनीष सवालेखिया, राहुल कश्यप, ललित वर्मा, विकास पंवार, राजसिंह पँवार, चमन शर्मा, निखिल बैरागी, लक्ष्मण झाला मौजूद थे। उक्त जानकारी दुर्गेश चिल्लोरिया ने दी।