देवास। विगत माह दिसंबर 2019 में देवास के सिविल हॉस्पिटल में पदस्थ मुख्य लिपिक तेजकरण परमार को 1 लाख रूपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथो पकड़ा था और उज्जैन लोक आयुक्त पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया था। जो कि फिलहाल में यह मामला ठण्डा पड़ चुका है। मामले में साठगाठ कर प्रकरण को दबाया जा रहा है। इस मामले की जानकारी मांगने हेतु सामाजिक कार्यकर्ता आरबी भाई पटेल ने संभागायुक्त एवं कलेक्टर को ज्ञापन देकर मांग की है।
श्री पटेल ने बताया कि पिछले दिनो उज्जैन लोक आयुक्त कार्यालय द्वारा सिविल सर्जन कार्यालय देवास स्थापना शाखा में कार्यरत कर्मचारी तेजकरण परमार को लोक आयुक्त पुलिस द्वारा 1 लाख रूपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथो गिरफ्तार किया गया था। जो खबर समस्त समाचार पत्र में प्रकाशित हुई थी। प्राप्त जानकारी के अनुसार तेजकरण परमार द्वारा साठ-गाठ कर वरिष्ठ कार्यालय से अपना स्थानांतर/अटेजमेंट उज्जैन करालिया गया है। जन चर्चा में यह प्रचालित है कि तेजकरण परमार द्वारा वरिष्ठ कार्यालय से साठ-गाठ कर अपना स्थानांतर कराया है।
श्री पटेल ने संभागायुक्त से मांग की है कि तेजकरण परमार को लोक आयुक्त द्वारा 1 लाख रूपये की नगद रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था। इस प्रकरण में संबंधित स्वास्थ्य विभाग एवं लोक आयुक्त कार्यालय द्वारा अभी क्या कार्यवाही की जा रही है या कार्यवाही स्थगित की गई है। इसकी मुझे संबंध में जानकारी प्रदान की जाए।