मैं रहूं या ना रहूं, यह देश रहना चाहिये...  देश की एकता, अखंडता के रंग में रंगा रहा सांईनाथ मेमोरियल हा.से.स्कूल में गणतंत्र दिवस

देवास। धर्म पर आधारित अलग अलग प्रतिमाओं के  गढऩे से अच्छा है। एक प्रतिमा गढ़ी जाये भारत माता की। हर भारतवासी के शरीर के नस नस के तारो से स्वर लहरी उठे कि मैं रहूं या ना रहूं, यह देश रहना चाहिये। सांईनाथ मेमोरियल हायर सेकेन्ड्री विद्यालय के विद्यार्थियों ने राष्ट्रीयता, सामाजिक ताने बाने, अलग अलग प्रांतो की संस्कृति में रचे बसे सांस्कृतिक कार्यक्रमों, नृत्यों के माध्यम से देश की एकता, अखंडता, देशप्रेम की भावना को संबल प्रदान करती की मोहक एवं प्रेरणादायी प्रस्तुतियॉ दी गई, तो विद्यालय परिसर सहित सम्पूर्ण क्षेत्र करतल ध्वनि एवं भारत माता की जय के उदघोष से गंूज उठा। सेकड़ो की संख्या में उपस्थित विद्यार्थी, विद्यालय स्टाप, अभिभावको  सहित बड़ी संख्या में उपस्थित पास पड़ोस के गणमान्यजन बच्चों की प्रत्येक दर्शनीय एवं संदेशवाहक प्रस्तुति को मंत्रमुग्ध होकर निहारते हुए मुक्तकंठ से प्रशंसा कर रहे थे।  यह जानकारी देते हुए विद्यालय के संचालक शकील कादरी ने बताया कि उत्साह, उमंग एवं उल्लास से परिपूर्ण वातावरण के बीच सांईनाथ मेमोरियल हा.से.स्कूल में 71 वें गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि वरिष्ठ कांग्रेस नेता भगवानसिंह चावड़ा, अध्यक्षता कर रहे पूर्व पार्षद नजर शेख मामू, विशेष अतिथि पूर्व पार्षद दिलीपसिंह ठाकुर,  राष्ट्रीय कवि जगदीश सेन एवं संस्था के अध्यक्ष शमशाद अहमद कादरी ने ध्वजारोहण किया। संस्था के संचालक शकील अहमद कादरी द्वारा पुष्पमाला पहनाकर अतिथियो का स्वागत किया गया। मुख्य अतिथि श्री चावड़ा ने अपने उद्बोधन में कहा कि देश को समृद्ध व बलशाली बनाने हेतु हमे अपना सर्वस्व लूटाना है। श्री शेख ने अपने उद्बोधन में कहा कि हमे हमारे वतन से प्यार करना चाहिए व बच्चो को ईमानदारी से अपना भविष्य निर्माण करना चाहिए। विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित श्री सेन ने अपनी राष्ट्रचिंतन एवं देशभक्ति से ओतप्रोत कविताओ एवं गीतो से विद्यार्थियो में देशभक्ति का भाव जागृत किया और देशप्रेम का संदेश दिया। गणतंत्र दिवस पर प्रकाश डालते हुए स्वागत भाषण प्राचार्य श्रीमती मिश्कात शकील ने दिया। संचालन इमरान कादरी ने किया। कार्यक्रम में बढ़ी संख्या मे विद्यार्थियों एवं पालक उपस्थित थे।