देवास। म.प्र. दुग्ध महासंघ अध्यक्ष तंवरसिंह चौहान ने बताया कि मध्यप्रदेेश दुग्ध महासंघ एवं कमलनाथ सरकार कभी नहीं चाहती कि जनता पर किसी भी प्रकार का कोई बोझ बढे प्रायवेट दुग्ध यूनियन एवं डेयरी संचालक अपनी मर्जी से दूध के भाव बढ़ा देते हैं। इसमें दुग्ध महासंघ एवं प्रदेश सरकार की कोई सहमती नहीं होती है। प्रदेश सरकार का सरकारी उपक्रम सांची है जो कि पश्चुराईज दूध एवं शुद्ध दूध विक्रय करता है। प्रदेश सरकार किसानों और पशु पालको को फायदा पहुचाना चाहती है। 11 जनवरी से सांची से जुडे किसानों को 50 पैसे प्रति फेट एवं 3 से 4 रूपये प्रति लीटर का लाभ पहुंचाया गया है आगे भी कमलनाथ सरकार एवं म.प्र. दुग्ध महासंघ किसानों को फायदा पहुंचाते रहेंगे। किंतु उपभोक्ताओं पर इसका कोई अतिरिक्त भार नहीं आएगा । आपने आगे बताया कि प्रायवेट दुग्ध यूनियन द्वारा मुझेे स्वागत केे लिये कार्यक्रम में बुलाया गया था लेकिन जब मैं वहां पहुंचा तब तक दुग्ध युनियन की बैठक समाप्त हो चुकी थी। दूध के भाव बढ़ाने में दुग्ध संघ की कोई सहमति नहीं है यह युनियन का निजी मामला है।