JHABUA : कृषि विज्ञान केन्द्र झाबुआ द्वारा किसानो को सलाह दी गई है कि आगामी पांच दिन आसमान मे मध्यम घने से साफ बादल रहने ,अधिकतम व न्यूनतम तापमान 23.0 से 27.0 व 9.0 से 13.0 डि.से के बीच रहने, हवा पूर्व दिशा से उत्तर-पूर्व दिशा से 13.7 से 16.2 किमी/घंटा चलने एवं आगामी पाचं दिनो में वर्षा नही होने का अनुमान है। किसानो को सलाह दी जाती है कि 20 से 25 दिन की फसल ने चौडी पत्ती के खरपतवार नियंत्रण हेतु मेट सल्फुरान मिथाइल 8.0 ग्राम/एकड या दोनो तरह के खरपतवार हेतु सल्फो-सल्फुरान 13.5 ग्राम/एकड की दर से छिडकाव करे। गेहू में प्रथम सिंचाई 20-25 दिन बाद अवश्य करे ताकि किरीट अड अवस्था में नमी की कमी न हो। सिंचाई उपरांत नत्रजन उर्वरक की 1/3 मात्रा यूरिया के रूप में छिटकवा विधि से दे। देर से बुआई की स्थिति में बीजदर 25 प्रतिशत बढाकर बुआई करें।
सरसो के लिए रसचूसक कीट के नियंत्रण हेतु एसिटामेप्रिड या थयोमिथाक्सिम दवा 0.35-0.45 ग्रा/ली. की दर से छिडकाव करें। प्रथम सिंचाई 30-35 दिन बाद करे एवं सिंचाईउपरांत नत्रजन उर्वरक की 20-25 किलो/हेक्टे. मात्रा यूरिया के रूप में दे।
चना कीटो के नियंत्रण हेतु पक्षियो के बैठने हेतु टी आकार की खूटीया 20-25 प्रति हेक्टेयर एवं फेरोमोन ट्रैप (8 ट्रैप प्रति हेक्टेयर) लगाये। चना में प्रथम सिंचाई 35-40 दिन बाद करे। आम के बैग की सिचाई रोक दें। आम के पेडो पर मीलीबग के नियंत्रण हेतु ताने पर ग्रीस की पटियां बधे एवं ताने के आसपास भूमि में फोलिडाल दवा 250 ग्रा/पेड की दर से डाले। बैर,आंवला,नीबू,आदि में उम्र अनुसार अनुशंसित उर्वरको की मात्रा दे। टमाटर ,भिण्डी ,बैगन, पालक, ग्वारफली, कद्दूवर्गीय सब्जियो,हरी मिर्च, गोभी, गाजर,मटर, लहसुन, प्याज की खेती के लिये खेत तैयार करे। हल्दी व अदरक की परिपक्व फसल की सिंचाई रोक दे व प्रकंद की खुदाई करे। दुधारू पशुओ को हरा चारा 25 किलो प्रति पशु प्रति दिन व संतुलित आहार एवं मिनरल की आपूर्ति हेतु 50 ग्राम प्रति पशु के हिसाब से मिनरल मिश्रण की खुराक दे। बरसीम की प्रथम कटाई उपरांत सिंचाई कर अनुशंसित उर्वरक फसल की समय पर सिंचाई करे।