KHANDWA : गर्भधारण पूर्व एवं प्रसव पूर्व निदान तकनीकी अधिनियम के तहत् शनिवार को जनपद पंचायत समाकक्ष खंडवा में ग्राम सरपंच व सचिव की कार्यषाला आयोजित की गई। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. डी.एस. चौहान द्वारा कार्यषाला के मुख्य उद्धेश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि समाज, समुदाय व ग्राम में सरपंच और सचिव की भूमिका अहम होती है, समाज में घटते लिंग अनुपात के दुष्परिणाम होते है जो आने वाले समय में इससे समाज में समस्या उत्पन्न होगी। इसके निदान के लिए लड़का-लड़की में फर्क को हटाना आवश्यक है। लिंग अनुपात में सुधार में आपका सहयोग भी महत्वपूर्ण हो सकता है। इस अवसर पर जनपद पंचायत खंडवा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री महेन्द्र घनघोरिया ने कार्यषाला में सम्बोधित किया।
कार्यशाला में डॉ. एन.के. सेठिया जिला स्वास्थ्य अधिकारी व पीसी एण्ड पीएनडीटी नोडल अधिकारी द्वारा अधिनियम की विस्तृत रूप से जानकारी देते हुए बताया कि जिले में संचालित सोनोग्राफी सेंटर्स की जानकारी दी गई। उन्होने कहा कि गर्भधारण पूर्व एवं प्रसवपूर्व निदान तकनीक अधिनियम के तहत् भ्रूण का लिंग परीक्षण करना व करवाना कानून अपराध है। इसमें 3 से 5 साल तक की सजा एवं 50 हजार से एक लाख तक का जुर्माना हो सकता है। लिंग अनुपात में भारत में एक हजार पुरूषों पर 930, म.प्र. में 931 इसी प्रकार खंडवा 952 महिलाये है। उन्होंने कहा कि बेटा बेटी एक समान है बेटा बेटी में फर्क नहीं कराना चाहिए। समाज में इस संबंध में आपके माध्यम से समझाईष दी जाती है तो इससे भी पुरूष महिला अनुपात के अंतर में कमी आयेगी। साथ ही भ्रुण हत्या जैसे प्रकरण नहीं होगें वही राष्ट्रीय परिवार नियोजन कार्यक्रम में भी प्रगति होगी। ग्राम स्तर पर स्वास्थ्य कार्यकर्ता, आशा कार्यकर्ताओं द्वारा भी सतत् इसका प्रचार-प्रसार किया जाता है। कार्यषाला में मीडिया अधिकारी श्री वी.एस. मंडलोई, डीपीएम डॉ. शिवराज सिंह चौहान द्वारा भी जागरूकता संबंधी जानकारी दी गई।