JHABUA : म.प्र. शासन की और से प्रदेश के 313 विकासखण्डो का सर्वेक्षण कर सामाजिक एवं आर्थिक विकास तथा अधोसंरचना की उपलब्धता के आधार पर श्रेणीकरण किया गया है। शासन स्तर से झाबुआ जिले के 4 विकासखण्ड रामा, रानापुर, मेघनगर और थांदला आकांक्षी विकासखण्ड के तौर पर चयनित किए गए है। इसके संबंध में कलेक्टर कार्यालय पर स्तरीय विभिन्न विभागो के अधिकारियो का दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया।
कलेक्टर कार्यालय सभाकक्ष में आयोजित इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में राज्य योजना आयोग कार्यालय से आए हुए ट्रेनर मनीष हाडा एवं भानू बित्रा सलाहकार मुख्य सचिव कार्यालय द्वारा आंकाक्षी विकासखण्डो को मानीटरिंग के संबंध में विस्तार से जानकारी दी गई। आकांक्षी विकासखण्ड के अनुश्रवण के लिए विभिन्न संकेतको का निर्धारण किया गया है। जिनमें मुख्यतः स्वास्थ्य और पोषण, शिक्षा, कृषि एवं सहयोगी सेवाएं अधोसंरचना ग्रामीण एवं शहरी, कौशल विकास रोजगार, सामाजिक और वित्तीय समावेश सम्मिलित है। संबंधित विभाग के जनपद स्तरीय अधिकारियो को मॉनीटरिंग डैशबोर्ड में निर्धारित संकेतको की जानकारी संकलित एवं अपडेट करनी होगी। प्रतिमाह विकासखण्ड स्तर पर एक से 15 तारीख के मध्य संकेतको की प्रविष्टि की जाएगी तथा जिसे जिला स्तर पर विश्लेषण कर अनुमोदित किया जाएगा।
कलेक्टर श्री प्रबल सिपाहा एवं जिला योजना अधिकारी श्रीमती तारणी जोहरी उपस्थित थे। कलेक्टर महोदय द्वारा इस संबंध में मार्गदर्षिका का वितरण करवाया। ट्रेनर श्री मनीष हाडा एवं भानू बित्रा सलाहकार मुख्य सचिव कार्यालय द्वारा प्रशिक्षण में उपस्थित सभी विकासखण्ड स्तरीय अधिकारियो को निर्देशित किया गया कि वे समस्त संकेतको से संबंधित जानकारी को पूरी गंभीरता के साथ संकलित कर पोर्टल पर दर्ज कराएं। उन्होने जिला स्तरीय अधिकारियो को निर्देशित किया कि वे विकासखण्ड स्तर पर उनके विभाग द्वारा फीड कराई गई जानकारी का विश्लेशण करे एवं प्रगति की सतत् समीक्षा करे। इसके संबंध में विकासखण्ड समन्वय समिति सभी संकेतको का परीक्षण कर शुद्वता को सुनिश्चित करेगी। आकांक्षी विकासखण्डो के नोडल अधिकारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत होगे। उन्हे समस्त विभागो से वांधित कार्यवाहियां पूर्ण कराने की आवश्यकता होगी।