सरकार द्वारा पत्रकारों को 25 लाख रुपये तक के आवास ऋण, शीघ्र लागू किया जाएगा पत्रकार सुरक्षा कानून- जनसम्पर्क मंत्री श्री शर्मा
सुशासन की अवधारणा को मूर्त रूप दे रही है राज्य सरकार
BHOPAL : जनसम्पर्क, विधि-विधायी कार्य, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, विमानन, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व मंत्री श्री पी.सी. शर्मा ने कहा है कि प्रदेश में कमल नाथ सरकार सुशासन की अवधारणा को मूर्त रूप दे रही है। इसके लिए प्रशासनिक व्यवस्थाओं में पारदर्शिता लाई जा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ ष्मीडियाश्श् को सशक्त बनाने के लिए वचनबद्ध है और निर्भीक तथा निष्पक्ष पत्रकारिता को बढ़ावा देने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रही है। श्री शर्मा ने कहा है कि सरकार द्वारा शीघ्र ही पत्रकार सुरक्षा कानून भी लागू किया जाएगा।
मंत्री श्री शर्मा ने कहा कि प्रदेश में सुशासन को स्थापित किये जाने में सूचना प्रौद्योगिकी का बेहतर उपयोग किये जाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। मध्यप्रदेश में दूरसंचार, इंटरनेट सेवा, अवसंरचना प्रदाताओं पर वायर लाइन या वायरलेस आधारित वाइस या डाटा पहुँच सेवाएँ उपलब्ध कराने के लिए अधोसंरचना की स्थापना को सुगम बनाने के लिये प्रक्रिया निर्धारित की गयी है। अब कम्पनियाँ ऑनलाइन आवेदन कर जिला कलेक्टरों से भूमि उपयोग का लायसेंस प्राप्त कर सकती हैं। प्रदेश में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, मशीन लर्निंग, इंटरनेट ऑफ विंग्स जैसी नवीन तकनीकों का उपयोग कर शासकीय सेवाओं को बेहतर रूप दिए जाने के लिए नेस्काम के साथ एमओयू किया गया है।
प्रदेश में सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिए आईटी पॉलिसी में संशोधन कर इसे अधिक आकर्षक बनाया गया है। राज्य में नये डाटा सेंटर की स्थापना में सहयोग प्रदान करने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी की निवेश प्रोत्साहन नीति में संशोधन किया गया है। डाटा सेंटर क्षेत्र में नवीन निवेश को आकर्षित करने के लिए भूमि बैंक बनाये जाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। मैप-आईटी के सहयोग से विभिन्न विभागों के इंटरनल वर्क-फ्लो एवं कम्प्यूटरीकरण का कार्य प्रगति पर है। म.प्र. स्टेट इलेक्ट्रॉनिक्स डेव्हलपमेंट कॉर्पोरेशन द्वारा स्टेट वाइड एरिया नेटवर्क (स्वान) के उन्नयन का कार्य किया जा रहा है। प्रदेश में सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नवीन एवं प्रभावी लागत तकनीकी का प्रयोग किया जा रहा है।
मंत्री श्री शर्मा ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ सदैव ही निर्भीक और निष्पक्ष पत्रकारिता के पक्षधर रहे हैं। मुख्यमंत्री यह मानते हैं कि निष्पक्ष पत्रकारिता सरकार का सही रूप से मार्गदर्शन करती है। श्री शर्मा ने कहा कि इसीलिए सरकार पत्रकारों के सरोकारों को सर्वोच्च प्राथमिकता देकर पत्रकारों के हित में सभी आवश्यक कदम उठा रही है। उन्होंने बताया कि सरकार गठन के बाद पत्रकारों को अधिमान्यता देने के लिए राज्य एवं संभाग-स्तरीय अधिमान्यता समितियों का गठन कर दिया गया है। पत्रकारों के स्वास्थ्य उपचार के लिए आर्थिक सहायता प्रदान किये जाने के लिए पत्रकार संचार कल्याण समिति और पत्रकारों की कठिनाईयों के अध्ययन और सुझाव देने के लिए राज्य-स्तरीय समिति का गठन किया गया है। सरकार ने पत्रकार प्रोत्साहन एवं नवाचार के लिए तथा महिलाओं को पत्रकारिता के क्षेत्र में सुरक्षात्मक वातावरण उपलब्ध कराने और विशेष प्रोत्साहन देने के लिए महिला पत्रकारों की राज्य-स्तरीय समितियों का गठन किया है। मंत्री श्री शर्मा ने बताया कि वर्तमान में प्रदेश में 1127 राज्य-स्तरीय अधिमान्यता प्राप्त पत्रकार हैं। जिला-स्तरीय अधिमान्य पत्रकारों की संख्या 1947 और तहसील-स्तरीय अधिमान्य पत्रकारों की संख्या 822 है। प्रदेश में कुल 3,896 अधिमान्यता प्राप्त पत्रकार हैं।
जनसम्पर्क मंत्री श्री पी.सी. शर्मा ने बताया कि पत्रकारों और उनके परिजनों को स्वास्थ्य उपचार के लिए सरकार आर्थिक सहायता राशि उपलब्ध करा रही है। सरकार द्वारा सामान्य बीमारियों के लिए 20 हजार रुपये तक और गंभीर बीमारियों के लिए 50 हजार तक की आर्थिक सहायता दी जाती है। उन्होंने कहा कि सरकार गठन के बाद से अब तक 422 पत्रकारों को स्वास्थ्य उपचार के लिए एक करोड़ 31 लाख 54 हजार रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जा चुकी है।
मंत्री श्री शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश सरकार पत्रकारों का 10 लाख रुपये तक का दुर्घटना बीमा करा रही है। साथ ही 4 लाख रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा भी किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष 2,874 पत्रकारों का बीमा करवाया गया है। इनमें 2,310 अधिमान्य और 564 गैर-अधिमान्य पत्रकार हैं। श्री शर्मा ने बताया कि बीमित पत्रकारों की प्रीमियम राशि की 75 प्रतिशत राशि 5 करोड़ 40 लाख रुपये का वहन सरकार द्वारा पत्रकारों के हित में किया गया है। चार अक्टूबर, 2019 से अब तक 60 पत्रकारों के 24 लाख रुपये के बीमा क्लेम का भुगतान किया गया है। गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष 615 से अधिक पत्रकारों ने अपना बीमा कराया है।
मंत्री श्री शर्मा ने बताया कि सरकार पत्रकारों के सम्मान के लिए वचनबद्ध है। सरकार ने पूर्व में मिलने वाली सम्मान-निधि की राशि को 7 हजार रुपये से बढ़ाकर 10 हजार रुपये कर दिया है। वर्तमान में 209 वरिष्ठ पत्रकारों को सम्मान-निधि दी जा रही है। सरकार द्वारा राज्य-स्तरीय अधिमान्यता प्राप्त पत्रकारों को लेपटॉप क्रय करने के लिए 40 हजार रुपये की राशि दी जा रही है। इस वर्ष 17 पत्रकारों को राशि प्रदान की गई है। श्री शर्मा ने बताया कि सरकार द्वारा अधिमान्य पत्रकारों को 25 लाख रुपये तक के आवास ऋण पर 5 प्रतिशत ब्याज अनुदान 5 वर्ष तक दिये जाने का प्रावधान किये जाने की प्रक्रिया प्रचलन में है। सरकार उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए शीघ्र ही वर्ष 2017, 2018 और 2019 के लिए पत्रकारों को समारोहपूर्वक सम्मान प्रदान करेगी। इसके लिए आवेदन-पत्र पूर्व में ही आमंत्रित किये जा चुके हैं।
मुम्बई के बाहर पहली बार इंदौर में 10 नवम्बर, 2019 को आयोजित हुए इंडियन टेलीविजन अवार्ड के आयोजन में जनसम्पर्क विभाग ने सहभागिता करते हुए राज्य सरकार की जन-कल्याणकारी नीतियों एवं विभिन्न निर्णयों का प्रचार-प्रसार किया। प्रदेश के युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने और औद्योगिक क्षेत्र में अधिकतम निवेश को आकर्षित करने के लिए इंदौर में अक्टूबर, 2019 में हुए मैग्नीफिसेंट एमपी-2019 का आयोजन किया गया, जिसमें जनसम्पर्क विभाग ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस आयोजन का राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर व्यापक प्रचार-प्रसार किया गया। राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी जी के 150वें जन्म वर्ष पर जनसम्पर्क विभाग द्वारा गाँधी जी के विचारों का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। इसके तहत ष्मध्यप्रदेश में गाँधीश्श् पुस्तक का पुनरू प्रकाशन किया गया। प्रदेश के जिन 13 स्थानों पर गाँधी जी का आगमन हुआ था, वहाँ विभाग द्वारा प्रदर्शनी और संगोष्ठियों का आयोजन किया गया। पूरे वर्षभर गाँधीजी के कृतित्व और व्यक्तित्व पर आधारित चलित प्रदर्शनी प्रदेश-भर में भ्रमण करेगी।
मध्यप्रदेश की पावन भूमि का अलौकिक स्वरूप भगवान प्रभु श्रीराम के चरण-कमल के प्रदेश में पड़ते ही साकार हो गया था। कमल नाथ सरकार प्रतिबद्ध है कि प्रदेश के वे पवित्र स्थल जैसे सतना, पन्ना, कटनी, उमरिया, शहडोल, अनूपपुर आदि जिले, जहाँ भगवान श्रीराम ने अपने वनवास का समय व्यतीत किया था, प्रदेश कांग्रेस सरकार उन स्थलों को वही अलौकिक स्वरूप देने के लिए संकल्पित है। चित्रकूट-कामदगिरी, गुप्तगोदावरी, स्फटिक-शिला, अनुसूईया-आश्रम, हनुमान-धारा, दशरथ-गाठ इत्यादि स्थलों को धार्मिक पर्यटन के लिए विकसित किया जाएगा। साथ ही भोपाल में समूचे राम वन गमन पथ की प्रतिकृति भी निर्मित की जाएगी।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने वर्ष 1985 में लोकसभा में संबोधित करते हुए कहा था कि भारत की आध्यात्मिक विरासत की रक्षा करना समाज और विशेष रूप से सरकार का कार्य है। उन्होंने कहा था कि वास्तविक आध्यात्मिक संस्थाओं और इस क्षेत्र में कार्य कर रहे व्यक्तियों को प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए। मंत्री श्री शर्मा ने बताया कि प्रदेश में हमारी सरकार ने मंदिरों में पूजा-अर्चना करने वाले पुजारियों की बेहतरी के लिए नीतियों को नये सिरे से निर्धारित किया एवं पुजारियों के मानदेय को तीन गुना कर दिया। सरकार द्वारा माँ नर्मदा, माँ क्षिप्रा, माँ मंदाकिनी एवं माँ ताप्ती जैसी जीवन-दायिनी पवित्र नदियों की सुरक्षा एवं संरक्षण के लिए नदी-न्यास का गठन किया गया है। इसके साथ ही मंदिर एवं मठों की व्यवस्थाओं को बनाये रखने के लिए मठ-मंदिर सलाहकार समिति का भी गठन किया गया है। विभिन्न मंदिरों के जीर्णोद्धार के लिए भी राशि प्रदान की गई है। साथ ही तीर्थ-दर्शन के लिए तीन विशेष ट्रेन चलायी गई हैं।