कन्या महाविद्यालय में मनायी पं. जवाहरलाल नेहरू की 130 वीं वर्षगांठ


देवास। महारानी पुष्पमाला राजे पवार शासकीय कन्या महाविद्यालय देवास में भारत के प्र्रथम प्रधानमंत्री, राष्ट्र निर्माता पं. जवाहरलाल नेहरू की 130 वीं वर्षगांठ के अवसर पर भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि राजकुमार चंदन, विद्यालय प्रभारी प्राचार्य डॉ. वंदना मिश्रा, वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. बी.स. गोयल, प्रो. चारूशीला भोसले, डॉ.हरिश मिरोट, डॉ. शर्मिला काटे द्वारा माँ सरस्वती एवं नेहरू के चित्र पर माल्यार्पण से हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि साहित्यकार, जल रंगोलीकार, गजलकार, मूर्तिकार राजकुमार चंदन का स्वागत महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. वंदना मिश्रा, डॉ. जी.डी. सोनी एवं डॉ. हरीश मिमरोट ने किया। कार्यक्रम में विषयवक्ता डॉ. हरीश मिमरोट ने नेहरू एवं धर्म निरपेक्षता विषय पर उद्बोधित करते हुए कहा कि नेहरू धर्म निरपेक्ष के पक्षधर थे। नेहरू का भारत के निर्माण में किस प्रकार योगदान रहा इस विषय पर चर्चा की। 
मुख्य वक्ता चंदन ने नेहरू के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए उनकी विदेश नीति की चर्चा की। प्रकृति जिस प्रकार विविधताओं से युक्त होने पर भी अपना संतुलन बनाए रखती है उसी प्रकार भारत में भी विभिन्न धर्मो के अनुयायी एक साथ मिलकर प्रेम एवं शांति से वातावरण में निवास करते हैं। आज के दिन संपूर्ण भारत में नेेहरू के जन्मदिवस को बालदिवस के रूप में हर्षोल्लास से मनाया जाता है। नेहरू बच्चों से अगाध स्नेह करते थे, उन्हें हमेशा बच्चों के पोषण, स्वास्थ्य एवं शिक्षा की परवाह रहती थी। उनका मानना था कि बच्चेे ही भविष्य निर्माता है। श्री चंदन की स्वलिखित पुस्तक डिस्कवरी आफ हेवन (स्वर्ग की खोज)की प्रतियां छात्राओं के अध्ययन हेतु पुस्तकालय में भेंट की गयी। कार्यक्रम में डॉ. मंजु राजोरिया, प्रो. रितेश शर्मा, प्रो. राबिन शेख, प्रो. नेहा राठौर, प्रो. प्रमोद परिहार, प्रो. महेन्द्रसिंह गुजराती, प्रो. सुरेश जाट, प्रो. पूजा सांगते, सूरज जाट आदि एवं छात्राएं उपस्थित रहीं। कार्यक्रम का संचालन डॉ. शर्मिला काटे ने किया एवं आभार डॉ. अनीता भाना ने माना।