जिला जेल देवास में निरूद्ध बंदियों को दिया जा रहा है संजवारी/झाड़ू बनाने का प्रशिक्षण


देवास 27 नवम्बर 2019/ जिला विधिक सेवा प्राधिकरण देवास के मार्गदर्शन में देवास जिले में कार्यरत एन.जी.ओ. आभा फाउंडेशन द्वारा जेल अधीक्षक जिला जेल श्री रमेशचंद्र आर्य के सहयोग एवं समन्वय से जेल में निरूद्ध बंदियों के लिए संजवारी/झाड़ू बनाने का 45 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया है। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ जिला एवं सत्र न्यायाधीश व अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण देवास श्री डी.के. पालीवाल द्वारा किया गया। 


इस दौरान जिला एवं सत्र न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री डी.के. पालीवाल ने कहा कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण देवास एवं आभा फाउंडेशन देवास के सहयोग एवं समन्वय से जिला जेल देवास में निरूद्ध बंदियों के लिए प्रारंभ किया गया रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण कार्यक्रम निष्चित रूप से बंदियों के लिए लाभप्रद रहेगा। प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रशिक्षित बंदी प्रशिक्षण के उपरांत जेल में निरूद्ध रहने के दौरान और जेल से रिहा होने के उपरांत भी आय अर्जित कर सकेंगे तथा अपराध से विमुख होकर सामान्य नागरिक की भांति अच्छा जीवन व्यतीत करने में समर्थ होंगे। 


प्रशिक्षण कार्यक्रम में सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण देवास श्री शमरोज खान, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट देवास श्री अवधेश श्रीवास्तव, जिला रजिस्ट्रार एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी देवास श्री हेमराज सनोडिया, जेल अधीक्षक जिला जेल देवास श्री रमेशचंद्र आर्य, आभा फाउंडेशन के श्रीमती रितु व्यास, श्री आशीष राठौर, श्री अनिल पिपाड़ा, पीएलवी श्री जितेन्द्र जोषी, श्री सचिन, मास्टर ट्रेनर श्रीमती सुमित्रा सिसोदिया, श्री सागर, जेल स्टाफ एवं बंदीगण उपस्थित रहे।
   


 इस प्रशिक्षण के अंतर्गत जिला जेल में निरूद्ध बंदियों को न केवल झाड़ू/संजवारी बनाया जाना सिखाया जाएगा बल्कि बंदियों द्वारा प्रशिक्षण के उपरांत बनाई जाने वाली झाड़ू की बिक्री भी की जाएगी। भविष्य में इस कार्य से होने वाली आय का लाभ बंदियों को दिया जाएगा। प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत बैंक अधिकारी एवं विभिन्न शासकीय अधिकारियों के व्याख्यान भी रखे गए हैं जो प्रशिक्षित बंदियों को मिलने वाले ऋण एवं शासन की विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी देंगे। इसके साथ ही मानसिक तनाव दूर करने व आत्मबल तथा आत्मसुधार को प्रेरित करने वाले व्याख्यान भी दिए जाएंगे।


प्रशिक्षित बंदियों को विधिवत प्रमाण पत्र भी प्रदान किया जाएगा जो बाद में ऋण या शासन की योजनाओं का लाभ प्राप्त करने में सहायक होगा।  प्रशिक्षण के अंतर्गत रजिस्टर्ड बंदी बाद में जेल से रिहा होने पर भी उक्त संस्था के साथ जुड़कर अपने कार्य एवं व्यवसाय को निरंतर रख सकते हैं। जेल से छूटने के बाद यदि वे झाड़ू/संजवारी बनाने का कार्य निरंतर करना चाहते हैं तो उक्त संस्था द्वारा भी उन्हें कच्चा माल व अन्य सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी। इसके साथ ही उनके द्वारा तैयार किए गए माल का विपणन एवं विक्रय भी किया जाएगा।