भूमि डायवर्सन का विरोध, जयस ने जन आक्रोश रैली निकालकर राष्ट्रपति के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा


बैतूल (लोक संवेदना दस्तक)। आदिवासी समुदाय ने जल, जंगल और जमीन की लड़ाई को लेकर रानी दूर्गावती पार्क से जन आक्रोश रैली के माध्यम से भू-संहिता डायवर्सन बिल का विरोध किया।
संघठन के माध्यम से कांग्रेस सरकार को चेतावनी दी गई कि यह बिल वापस नहीं लिया जाता है तो आदिवासी समुदाय जन आंदोलन करेगा, सड़कों पर उतरेगा।


अनुसूचित क्षेत्रों में गैर आदिवासियों को जमीन के डायवर्सन का अधिकार देने संबंधित कमलनाथ सरकार के फैसले के बाद आदिवासी संघठनों ने विरोध के स्वर मुखर होने लगे हैं। शुक्रवार को जयस संघठन ने इस फैसले के विरोध में राष्ट्रपति के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा।


ज्ञापन के माध्यम से विभिन्न आदिवासी संघठनों ने आरोप लगाया कि मध्यप्रदेश सरकार द्वारा मध्यप्रदेश भूसंहिता 1959 धारा 165 एवं 172 में संशोधन करने का प्रयास किया जा रहा है।


आदिवासियों ने मांग की है कि ऐसे आदेश के पूर्व अनुसूचित क्षेत्रों में जनजाति सलाहकार परिषद गठन करने के निर्देश दिए जाये। आदिवासी संघठनों का कहना है कि यह फैसला जनजाति समुदाय के अधिकारों को आहत कर रहा है। मध्यप्रदेश के अनुसूचित क्षेत्रों से संबंधित जनजाति सलाहकार परिषद का गठन नहीं होने के कारण मध्यप्रदेश शासन द्वारा पारित नियमों व कानूनों की समिक्षा नहीं हो पाती है।


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'लोक संवेदना दस्तक'


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