BHOPAL : शासन द्वारा ओंकारेश्वर को पवित्र नगर घोषित किया गया है। इस नगर में तीर्थ-यात्रियों की आवश्यकताओं एवं सुख-सुविधाओं के मद्देनजर जीआईएस पर ओंकारेश्वर विकास योजना-2031 (मास्टर-प्लान) का प्रारूप तैयार किया गया है। योजना के संबंध में आपत्ति/सुझाव जिला कार्यालय, खण्डवा और संचालनालय नगर तथा ग्राम निवेश, भोपाल के साथ ही वेबसाइट dtcp.mp.gov.in/publicviewer पर ऑनलाइन भी दिये जा सकते हैं।
संचालक नगर तथा ग्राम निवेश श्री राहुल जैन ने जानकारी दी है कि मास्टर-प्लान बनाने के लिये सुदूर संवेदन तकनीक, भौगोलिक सूचना प्रणाली और अमृत योजना के मानकों का उपयोग किया गया है। इस कार्य में राष्ट्रीय सुदूर संवेदन केन्द्र, हैदराबाद और मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के वैज्ञानिकों का भी सहयोग लिया गया है।
मास्टर-प्लान में ओंकारेश्वर के समस्त संवेदनशील क्षेत्रों को संरक्षित करने के प्रावधान रखे गये हैं। नर्मदा नदी के दोनों ओर घाट के विकास के साथ ही सघन पौधा-रोपण का प्रावधान किया गया है। वर्ष 2031 तक आवासीय, वाणिज्यिक और नगरीय उपयोग के साथ-साथ सभी प्रकार की भौतिक एवं सामाजिक अधोसंरचनाओं का निर्माण भी प्रस्तावित किया गया है, जिससे धार्मिक नगर का सुनियोजित विकास हो सके।
पहली बार प्रारूप के साथ प्रयुक्त डाटा का प्रकाशन
ओंकारेश्वर विकास योजना का प्रारूप एक अक्टूबर, 2019 को राजपत्र में और वेबसाइट www.mptownplan.gov.in पर प्रकाशित किया गया है। प्रदेश में पहली बार विकास योजना तैयार करने में प्रयुक्त डाटा को वेबसाइट dtcp.mp.gov.in/publicviewer पर भी प्रदर्शित किया गया है। इसके साथ ही आपत्ति/सुझावों को ऑनलाइन प्राप्त करने की व्यवस्था की गई है। विकास योजना की सॉफ्ट कॉपी जिला कार्यालय, खण्डवा से सशुल्क प्राप्त की जा सकती है। विकास योजना पुस्तिका का अलग से मुद्रण नहीं किया जायेगा।