दामजीपुर। पश्चिम वन मंडल बैतूल (सामान्य) के अंतर्गत इको सेंटर भीमपुर में वन मंडल स्तरीय एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का मुख्य विषय लघु वनोपजों एवं औषधि पौधों का संग्रहण प्राथमिक संस्करण एवं विपणन था। इस कार्यशाला के अध्यक्ष श्री मयंक चांदीवाल वन मंडल अधिकारी पश्चिम बैतूल सामान्य द्वारा कार्यशाला में पधारे स्थानीय एवं लघु वनोपज संग्रहकोंं एवं वन सुरक्षा समिति के सदस्यों से कहा गया, कि वनों में उगने वाली समस्त औषधीय प्रजातियों एवं लघु वनोपज को इस तरह से विदोहन किया जाए जिससे वह पौधा या वृक्ष वन में हमेशा बना रहे। इसके लिए आपको पौधा या वृक्ष को बिना नुकसान पहुंचाए उनके उत्पादों को संग्रहित करना होगा और इससे आने वाली पीढ़ी को हम उसी औषधि प्रजातियां उपलब्ध करा पाएऐंगेेंं। आकाशीय लघु वनोपज, औषधि पौधों के संग्रहण एवं विनाश विहीन विदोहन विषय के विशेषज्ञ डॉक्टर उदय होम कर जो कि राज्य वन अनुसंधान संस्थान जबलपुर से पधारे थे उन्होंने विस्तार पूर्वक विषय की जानकारियां दी एवं विस्तार से बताया कि किस प्रजातियों का कौन सा भाग उपयोगी है, उसका किस तरह से विदोहन किया जाना चाहिए। कार्यशाला में जीव विविधता अधिनियम के संबंध में भी जानकारी दी गई। कार्यशाला में पधारे प्रतिभागियों को वन क्षेत्र में ले जाकर औषधीय प्रजातियों की पहचान कराई गई। स्थानीय व्यक्तियों एवं जानकारों द्वारा भी स्थानीय पौधों एवं औषधि पादप के स्थानीय नाम एवं उपयोग के बारे में मौके पर फील्ड में जाकर जानकारी दी गई। वन मंडल अधिकारी चिचोली सामान्य श्री राघवेंद्र मिश्रा सर द्वारा बताया गया, कि सभी स्टाफ वनरक्षक को अपने अपने क्षेत्र में एक जीव विविधता रजिस्टर तैयार करना है।
इस कार्यक्रम में श्री विजय कुमार सुंडा भारतीय वन सेवा वन परिक्षेत्र अधिकारी, चिचोली वन परिक्षेत्र अधिकारी, सावलीगढ़ वन परिक्षेत्र अधिकारी गवासेन उपस्थित रहे। कार्यशाला में कुल 50 स्थानीय लघु वनोपज संघ ग्राहकों एवं स्थानीय वेदों ने भाग लिया।