गायत्री परिवार की रचनात्मक बौद्धिक परीक्षा सम्पूर्ण जिले में 250 परीक्षा केंद्रों पर सफलता पूर्वक सम्पन्न हुई
लगभग 12 हजार से अधिक बच्चे रहे प्रतिभागी
देवास । अखिल विश्व गायत्री परिवार शान्तिकुंज हरिद्वार के तत्वावधान में सम्पूर्ण भारत के 22 राज्यों में प्रतिवर्ष भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा का सफल आयोजन सम्पन्न होता है इसी के तहत इस वर्ष भी सम्पूर्ण मप्र में यह परीक्षा 19 अक्टूबर शनिवार को दोपहर 12 से 01 के बीच बड़े उत्साह और जोश के साथ परीक्षा आयोजित हुई । गायत्री शक्तिपीठ जनसंचार विभाग के विक्रमसिंह चौधरी एवं विकास चौहान ने बताया कि सम्पूर्ण देवास जि़ले की तहसीलों में 250 केंद्रों पर भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा आयोजित हुई जिसमें लगभग 12 हजार से अधिक बच्चे प्रतिभागी रहे । भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा जिला संयोजक प्रमोद निहाले ने बताया कि इस परीक्षा का उद्देश्य -विलुप्त ओर विकृत होती जा रही देव संस्कृति को पुनर्जीवित करना है और कहा कि यह परीक्षा देवास की सभी तहसील कन्नौद,खातेगांव, हाटपिपल्या,सोनकच्छ,सतवास, बागली,टोक खुर्द सहित कई ग्रामीण क्षेत्रों में बड़े उत्साह पूर्वक सम्पन्न हुई । बच्चो में परीक्षा को लेकर पहले से ही उत्साह नजर आया और भारतीय ज्ञान परीक्षा को खूब सराहा वहीं स्कूलों के शिक्षकों और प्राचार्यों ने भी इस परीक्षा आयोजन की खूब प्रशंसा की ओर कहा को भारतीय संस्कृति को जीवित रखने का गायत्री परिवार का ये आयोजन सराहनीय है और हमेशा होते रहना चाहिए । देवास में उत्कृष्ट विद्यालय,सेम थामस,नारायण विद्या मंदिर क्रमांक 1,बी. सी. एम ., किंडर स्कूल,साईनाथ मेमोरियल ,केरला पब्लिक स्कूल,स्वामी विष्णु तीर्थ ,होली लाइट ,होली हायर सेकंडरी स्कूल,अरिहंत स्कूल सहित लगभग 100 से अधिक विद्यालयों में सफलता पूर्वक सम्पन्न हुई । जिले की तहसीलों के प्रभारी केशव पटेल, धर्मेन्द्र कुशवाह, शिवनारायण शर्मा, कपिलेश राव वाडेकर, हरिप्रसाद पांडेय, गिरीश गुरु, नंदकिशोर सोनी, डॉ. जयप्रकाश नाडेकर, डॉ. राजेन्द्र व्यास, रविशंकर राठोड़, पुष्करलाल गुप्ता ने परीक्षा को सफल बनाने के लिए सबका आभार माना। परीक्षा को सफल बनाने में गायत्री परिजन गणेश चंद व्यास,सुरेन्द्र दुबे,दिलीप सोलंकी,हरिराम जिराती,रविन्द्र नायक,रमेश चंद मेहता,फूलसिंह नागर, हजारीलाल चौहान,सालिग्राम सकलेचा ,घांसिराम पटेल,भंवर सिंह सोलंकी,देवकरण कुमावत सहित कई परिजनों का विशेष सहयोग रहा।