आदिवासी लड़की का संबंध गैर-आदिवासी से होने पर आरक्षण स्वतः समाप्त हो, जयस एवं आदिवासी समाज सौंपेगा ज्ञापन

जयस, बिरसा ब्रिगेड, कोरकू युवा मोर्चा, आदिवासी समाज संघठन राज्यपाल एवं राष्ट्रपति के नाम सौंपेगा ज्ञापन
इंदौर (म.प्र.)। आदिवासियों को मिलने वाले जातिगत आरक्षण का फायदा गैर-आदिवासियों द्वारा बखूबी उठाया जा रहा है। देश में यह खेल वर्षों से चलता आ रहा है। इस पर रोक लगाने के लिए आदिवासी समुदाय हुआ चौकन्ना। क्योंकि आदिवासी समुदाय की महिलाओं के नाम से मिलने वाले आरक्षण का फायदा साजिश के तहत गैर-आदिवासियों द्वारा उठाया जाता है। ऐसे स्थिति में उस महिला को मिलने वाला जातिगत आरक्षण को स्वतः समाप्त करवाने के लिए, जयस (जय आदिवासी युवा शक्ति) संघठन एवं अन्य आदिवासी समाज संघठन राज्यपाल व राष्ट्रपति के नाम देगा ज्ञापन।


( राष्ट्रीय जयस संरक्षक एवं कांग्रेस विधायक श्री डॉ हीरालाल अलावा को ज्ञापन सौंपते हुये, आदिवासी समाज संघठन )


 पिछले जुलाई 2019, को जयस संरक्षक एवं कांग्रेस विधायक डॉ हीरालाल अलावा जी से आदिवासी संघठन आकास, जयस, बिरसा ब्रिगेड, आदिवासी कोरकू समाज संघठन, आदिवासी मुक्ति मोर्चा के पदाधिकारियों ने मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा गया था। समाज की लड़कियों की शादी गैर-आदिवासियों से करने पर या जो आदिवासी समाज की लड़की गैर-आदिवासी से शादी करती है, उसका आरक्षण और आरक्षण से होने वाले सभी लाभ स्वतः ही समाप्त करवाने वाला कानून मध्यप्रदेश सरकार से लागू करवाने का ज्ञापन दिया था। 
       विधायक महोदय डॉ अलावा जी ने आदिवासी संघठनों के पदाधिकारियों को अश्वासन दिया था कि, यह मुद्दा विधानसभा में उठाऊंगा व मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ जी से इस विषय में विस्तार और दमदारीता से बात करूंगा।
आदिवासी संघठनों के पदाधिकारियों ने कहा था कि, इस कानून को पारित करवाने के लिए आगामी दिनों में आदिवासी समुदाय देश भर में राज्यपाल एवं राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन देगा।
        क्योंकि आदिवासी समुदाय की लड़कियों से शादी करके गैर-आदिवासी तरह-तरह के आदिवासियों को मिलने वाले आरक्षण का लाभ अर्जित करता है, जिसमें राजनीतिक क्षेत्र में, शासकीय नौकरी में, चल-अचल संपत्ति खरीदने में आदि।
        आदिवासी समाज के संघठनों ने यह भी कहा है, कि जो व्यक्ति/माता-पिता अपनी बैटियों की शादी किसी गैर-आदिवासी से करता है या करवाता है या मदद करता है, उसका सामाजिक बहिष्कार किया जायेगा। क्योंकि वह भी आदिवासियों को मिलने वाले आरक्षण का गलत इस्तेमाल करने में मददगार है।


ज्ञापन श्री दयाराम बछानिया, श्री नन्दू रावत, श्री सीताराम आस्के, श्री योगेश पटेल, श्री कमल परमार, श्री ध्यान सिंह मोर्य, श्री हिम्मत सिंह बछानिया आदि द्वारा सौंपा गया था।


----------------------------------------------------------------------------


(अपने क्षेत्रों में 'लोकसंवेदना दस्तक' समाचार पत्र की ऐजेंसी के लिए संपर्क करें। संपादक : श्री हिम्मत सिंह बछानिया मो. 76977-67059. )